आम्रपाली ग्रुप को बड़ा झटका, SC ने कहा- सभी 40 कंपनियों के खाते व सम्पत्ति जल्द हों अटैच
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को एक बड़ा झटका देते हुए उसकी सभी 40 कंपनियों के बैंक खातों और चल सम्पत्ति को अटैच करने का आदेश जारी किया है. बुधवार को हुई सनुवाई के दौरान कोर्ट ने कंपनी के सभी डायरेक्टर के भी बैंक खातों को फ्रीज करने को कहा है. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने सभी डायरेक्टर के व्यक्तिगत सम्पत्ति को भी अटैच करने को कहा है. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ग्रुप कोर्ट के साथ गंदा खेल खेल रही है. ग्रुप सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का भी पालन नहीं कर रही. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराते हुए कहा कि आम्रपाली ग्रुप से जुड़े लोग उनके सब्र का इंतहा ले रहे हैं. इस मामले में कोर्ट ने शहरी विकास मंत्रालय के सेकेट्री को भी समन जारी किया है.
कोर्ट ने एनबीसीसी के चेयरमैन को भी गुरुवार को पेश होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तो उस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पहल कैसे की जा रही है. कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के सभी 40 कंपनियों के खातों को देखने वाले चार्टेड एकाउंटेंट की भी लिस्ट मांगी है. इस मामले में गुरुवार को भी सुनवाई जारी रहेगी. गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से उनके प्रोजेक्ट को लेकर सवाल पूछे थे. कोर्ट ने उस दौरान पूछा था कि नौ प्रोजेक्ट कब तक पूरे होंगे और कितनी लागत आएगी? रकम कौन लगाएगा? और बॉयर्स से इसके लिए कितना पैसा लिया गया है?
आम्रपाली ग्रुप 17 अप्रैल को इन सवालों के जवाब देगा.दरअसल खरीदारों की ओर से कोर्ट में पेश रिपोर्ट में आम्रपाली के 9 प्रोजेक्टों को 3 दर्जे में बांटा गया है. एक में पूरे हो चुके प्रोजेक्ट हैं जिनमें कुछ लोग रह भी रहे हैं पर लिफ्ट, फायर सेफ्टी, पावर बैकअप जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. दूसरे में 6 से 9 महीनों में पूरा होने वाले प्रोजेक्ट हैं. तीसरे में अभी तक शुरू न होने वाले प्रोजेक्ट हैं.सुप्रीम कोर्ट में खरीदारों ओर से पेश वकील एमएल लाहौटी ने बताया कि उनकी ओर से कोर्ट में 16 में से 9 प्रोजेक्टों के बारे में रिपोर्ट पेश की गई. कोर्ट को बताया गया कि इनमें से 5 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमें लोग रह रहे हैं लेकिन कुछ न कुछ एनओसी की कमियों की वजह से उन्हें कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है. किसी में फायर का एनओसी नहीं है तो किसी में लिफ्ट की कमी है.
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